चार बहरुपियों ने 22 लाख के लोन के लिए रची झूठी कहानी, तीन गिरफ्तार

भोपाल | जालसाजी की इस कहानी में चारों किरदार बहरूपिए हैं। सेंट्रम हाउसिंग फायनेंस कंपनी से 22 लाख का लोन लेने के लिए ये कहानी रची गई। नाम, पता, दस्तावेज यहां तक कि आधार कार्ड भी फर्जी। इस काम को अंजाम देने के लिए तीन किरदारों को झूठ बोलने की ट्रेनिंग दी गई। उनके हाव-भाव से सच सामने आ गया और अब महिला समेत तीनों जालसाज एमपी नगर पुलिस की गिरफ्त में हैं। 


समझिए कैसे नाकाम रहा क्लाइमैक्स



  • वकील सिंह, शशि हाइट्स, कोलार रोड (पेशा ड्राइवरी)-थाना कमला नगर का गुंडा वकील सिंह, प्रॉपर्टी डीलर अनिल सिंह कुशवाहा का ड्राइवर है। मंडीदीप की ल्युपिन कंपनी का ब्रांच मैनेजर बना। ममता सिंह को पत्नी किरण बताकर 17 जनवरी को 22 लाख का लोन अप्लाई किया।

  • सुल्तान सिंह, रुचि लाइफ स्केप जाटखेड़ी (प्रॉपर्टी डीलर) नूरगंज में 2012 में पत्रकार चंद्रेश व एक अन्य के दोहरे हत्याकांड का आरोपी है। 2018 में उसे उम्रकैद की सजा हुई। अनिल के कहने पर सुल्तान ने वकील सिंह को फायनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर विजय तिवारी से मिलवाया। 

  • ममता सिंह, ओल्ड मिनाल रेसिडेंसी   (टिफिन सेंटर संचालिका) किरण सिंह बनकर वकील की पत्नी के तौर पर फायनेंस कंपनी पहुंची। अनिल सिंह की पुरानी परिचित। मुनाफे के लालच में अनिल और सुल्तान का साथ देने के लिए तैयार हो गई। उक्त तीनों ही जालसाजों को एमपी नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 

  • अनिल सिंह कुशवाहा, हेवंतपुर, भिंड (प्रॉपर्टी डीलर) कहानी की पटकथा अनिल ने ही लिखी। लोन के दस्तावेज तैयार करवाए। ल्युपिन कंपनी की दो साल की पे-स्लिप, पहचान पत्र, वकील और किरण के नाम से फर्जी आधार कार्ड तक बनवा दिए। सुल्तान से वकील व किरण का इंटरव्यू भी दिलवाया ताकि ब्रांच मैनेजर के सामने कोई गलती न हो।


पति-पत्नी में... मिसमैच देखकर ब्रांच मैनेजर को हो गया था शक